डीएसपी आलोक कुमार सिंह शराब कारोबारियों पर उसी के हथकंडे अपनाकर नकेल कसने में लगे हैं

सरकार के शराबबंदी नीति को सफल बनाने के लिए सिकरहना डीएसपी आलोक कुमार सिंह शराब कारोबारियों पर उसी के हथकंडे अपनाकर नकेल कसने में लगे हैं।लिहाजा, शराब करोबारियों में हड़कंप मचा हुआ है।शराब कारोबारियों को पकड़ने के लिए डीएसपी आलोक कुमार बहरुपिया की भांति तरह-तरह का भेष बनाकर क्षेत्र में निकल जा रहे हैं।जिसकारण शराब कारोबारी इनके वेशभूषा पर उन्हे पहचान नहीं पाते हैं और पुलिस के चंगुल में कारोबारी फंस जाते है।दरअसल,सिकरहना अनुमंडल का एक बड़ा क्षेत्र नेपाल सीमा से सटा हुआ है।लिहाजा,नेपाल की खुली बॉर्डर से नेपाली शराब का कारोबार सूबे में शराब बंदी के बाद काफी बढ़ गई है।जिस कारण पुलिस प्रशासन के लिए ये करोबारी चुनौती बने हुए है।लेकिन सिकरहना डीएसपी ने अपना कार्यभार संभालने के साथ हीं शराब करोबारियों के जाल को काटना शुरु किया।जिसमें उन्हे सफलता मिलती गई।जिस दौरान एक बार शराब कारोबारियों के साथ काउंटर भी हुआ था।तो महज एक पखवाड़ा पहले बाईक से शराब कारोबारी को पकड़ने निकले डीएसपी के मोटरसाईकिल मे टक्कर मारकर उन्हे क्षति पहुंचाने की भी कोशिश की गई।बावजूद इसके उन्होने हार नहीं मानी और बीती रात लुंगी और जर्सी में सर में देहाती स्टाईल गमछा बांधे एक ग्रामीण के वेशभूषा में लाठी और टॉर्च के सहारे सड़क पर निकल गए।शराब की एक खेप आने की सूचना पर निकले डीएसपी ने जाल बिछाया और खुद एक ग्रामीण किसान की तरह सड़क पर खड़े हो गए।तभी ऐक बोलेरो आता दिखा।पचपकड़ी थाना क्षेत्र के मुरली गांव के तरफ से आ बोलेरो पर आ रहे शराब के एक बड़ी खेप को नाटकीय ढ़ंग से रोका।उस दौरान कारोबारी को पकड़ने में हाथापाई भी हुई।जिसका फायदा उठाकर एक कारोबारी भाग खड़ा हुआ ।जबकि दूसरा कारोबारी पुलिस के हत्थे चढ़ गया।पकड़ा गया कारोबारी शिकारगंज थाना क्षेत्र के पड़ेई गांव का रहने वाला है।जो इस क्षेत्र का सबसे बड़ा शराब माफिया है।जिसे गिरफ्तार कर शराब और बोलेरो के साथ पुलिस ढ़ाका थाना पर ले आई।जिससे पूछताछ चल रही है।

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